पीरियड में पेट दर्द हो तो क्या करें🙇🏻♀️🩸: राहत कैसे पाएं

मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द, आमतौर पर "पीरियड क्रैम्प्स" या "डिसमेनोरिया" के नाम से भी जाना जाता है।
यह एक आम समस्या है जो की लगभग हर महिला महसूस करती है, पर हर इस दर्द की तीव्रता अलग होती है, किसी को हल्का दर्द होता है, तो किसी को दर्द ही नहीं होता और किसी को तो इतना दर्द होता है की रोज़ के काम करना ही नहीं बल्कि बिस्तर से बाहार पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि पीरियड के दौरान पेट दर्द क्यों होता है, इससे राहत पाने के प्राकृतिक और चिकित्सकीय उपाय क्या हैं, और कब डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी हो जाता है।
पेट दर्द का कारण क्या है?
मासिक धर्म या पीरियड्स के समय गर्भाशय की मांसपेशिया सिकुड़ती है ताकि एंडोमेट्रियम लाइनिंग को बाहर निकाल सके और इस प्रक्रिया में उसकी मदद करते "प्रोस्टाग्लैंडिन्स" नामक हार्मोन जो की खास इसी प्रक्रिया के लिए बनते है और गर्भाशय की संकुचन क्रिया को बढ़ाते हैं। अधिक मात्रा में प्रोस्टाग्लैंडिन्स दर्द, सूजन और मितली जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
अन्य संभावित कारण:
- एंडोमेट्रियोसिस: यह एक ऐसी अवस्था है जिसमे गर्भाशय के अंदरूनी उत्तक बहार विक्सित होने लगते है।
- फाइब्रॉइड्स: यह गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर होते है, जो गर्भाशय में बनते है।
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज (PID): यह एक गंभीर संक्रमण है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है, विशेष रूप से गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय।
- सर्वाइकल स्टेनोसिस: अन्य शब्दों में इसे गर्भाशय ग्रीवा का स्टेनोसिस भी कहा जाता है, गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय का निचला हिस्सा) के माध्यम से मार्ग के संकीर्ण होने या बंद होने की स्थिति है।
- कॉपर टी या अन्य गर्भनिरोधक उपकरण का प्रभाव: गर्भनिरोधक उपकरण या गोलियों के प्रभाव से भी अत्यधिक दर्द होता है।
घरेलू उपचार: प्राकृतिक राहत के उपाय
1. गर्म सिकाई (Hot Compress)
गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड को पेट के निचले हिस्से पर रखने से रक्त संचार बढ़ता है और मांसपेशियों की ऐंठन कम होती है।
2. हर्बल चाय
तुलसी, अदरक, दालचीनी और सौंफ की चाय में एंटीइंफ्लाममटोरी गुण पाए जाते है, जो की सूजन कम करने और मांसपेशियों को शांत करने में मदद करते है।
3. योग और स्ट्रेचिंग
हल्के योगासन जैसे सुप्त बद्ध कोणासन, बालासन और पवनमुक्तासन से भी राहत मिल सकती है।
4. हाइड्रेशन
पर्याप्त पानी पीना शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होता है और सूजन कम करता है।
5. संतुलित आहार
पत्तेदार सब्ज़ियाँ, ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ, फल और फाइबर युक्त चीजें खाने से शरीर को राहत मिलती है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से समाधान
आयुर्वेद के अनुसार, पीरियड दर्द वात दोष की वृद्धि से होता है। इसके लिए निम्न उपाय उपयोगी हो सकते हैं:
- अशोक चूर्ण और शतावरी कल्प
- गुनगुना तिल का तेल पेट पर मालिश करना
- त्रिफला चूर्ण रात में गर्म पानी के साथ लेना
- थायरॉइड बैलेंस या हार्मोन बैलेंस आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स (डॉक्टर की सलाह से)
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर निम्न लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें:
- दर्द इतना तीव्र हो कि दवाइयों से भी आराम न मिले
- पीरियड का समय अनियमित हो, जैसे की आपको पीरियड्स हर महीने न होक 2 - ३ महीने बाद हो तब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
- अत्यधिक रक्तस्राव या clotting हो
- मितली, उल्टी या बुखार साथ में हो
निष्कर्ष
पीरियड में पेट दर्द एक सामान्य लेकिन तकलीफदेह अनुभव हो सकता है, लेकिन सही जानकारी, घरेलू उपचार, और ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सकीय सलाह के ज़रिये इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। शरीर की सुनना, स्वच्छ जीवनशैली अपनाना और हार्मोन संतुलन बनाए रखना इस समस्या से निपटने की कुंजी है।
यदि आप बार-बार अत्यधिक दर्द का सामना कर रही हैं, तो यह केवल एक "सामान्य पीरियड दर्द" नहीं हो सकता — विशेषज्ञ से मिलना ज़रूरी है।
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