आयुर्वेद में पीरियड क्रैम्प के कारण और समाधान

आयुर्वेद में पीरियड क्रैम्प के कारण और समाधान

चाहे आप कोई हाउसवाइफ हो, स्टूडेंट हो, या खिलड़ी, या फिर किसी कंपनी में कार्यरत हो अगर आप एक महिला है तो आपको पता ही होगा की पीरियड क्या है और इससे जुडी क्या-क्या समस्याएं है। पीरियड के समय में हल्का फुल्का दर्द करीब हर लड़की को ही महसूस करना परता है पर कुछ महिलाओ में इस यह दर्द तीव्र या बहुत ही दर्दनाक हो सकता है जो की उन महिलाओ के दैनिक जीवन को भी श्रति पूछा सकता है। मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द के पीछे कई अलग-अलग वजह हो सकती है। इस लेख में हम मासिक धर्म से जुड़े हुए इसी दर्द के बारे में जानेंगे और मासिक धर्म के दर्द का प्रबंधन कैसे कर सकते है उस बारे में भी बताएंगे।

आयुर्वेद के अनुसार पीरियड के दर्द की क्या वजह है।

आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर के सारी गतिविधि और संतुलन को त्रिसदोष नियंत्रित करते है, जिनका नाम वता, पित्त, और कफा है, इन दोषो में आने वाला सामान्य असंतुलन भी हमारे शरीर के संतुलन को ख़राब कर सकता है। आयुर्वेद पीरियड क्रैम्प्स के लिए वता दोष में आये असंतुलन को ज़िम्मेदार मानता है। वता दोष मासिक धर्म सम्बन्धी गतिविधियों का नियंत्रण कर सकता है और इसमें आयी असंतुलन से निम्नलिखत समस्या हो सकती है जो की मासिक धर्म के दर्द को बढ़ा सकती है:

एंडोमेट्रियोसिस

यह वह अवस्था है जिसमे गर्भाशय की परत के समान काम करने वाले टिश्यू गर्भाशय के बहार बढ़ने लगते है। आमतौर पर यह फॉलोपियन ट्यूब या फिर अंडाशय के ऊपर आने लग जाते है।

गर्भाशय फ़िब्रोइड

जब आपके गर्भाशय के की दीवारों पर छोटे-छोटे गैर-कैंसरयुक्त गांठो की वृद्धि होने लगे, उसे गर्भाशय फ़िब्रोइड कहते है जो की पीरियड के दर्द के एक बड़ी वजह हो सकती है।

एडिनोमायोसिस

ये वह अवस्था है जिसमे गर्भाशय के अंदर मौजूद टिश्यू जो की उसको घेर के रखते है उसकी दीवारों पर बढ़ने लगते है जो की तेज़ दर्द का कारण बन सकते है।

पीरियड के दर्द को ठीक करने के लिए समाधान

मासिक धर्म के दर्जन होने वाले दर्द को कम करने के लिए इन उपायों का प्रयोग करे:

आहार में बदलाव

मासिक धर्म के दौरान दर्द करीब हर औरत के ही जीवन का एक सामान्य हिस्सा बन चूका है। पर अत्यधिक पीरियड के दर्द को रोके कैसे ये ख्याल सबके दिमाग में ही आता है और आहार में परिवर्तन इसी दर्द को कम करने का काम कर सकती है। ताज़े फल, सब्जिया, गर्म सूप, शहद, और शक्कर का उपयोग खाने में करना मददगार हो सकता है। इसके अलावा मूंग दाल, अदरक, लेहसह, और नारियल पानी को भी अपने दिचर्या में शामिल करे।

आयुर्वेदिक उपचार

पीरियड के दर्द से राहत के लिए आयुर्वेद में कई सारी जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है। जो की निचे लिखे है:

  • अशोक छाल: इसका उपयोग प्राकृतिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में बरसो से किया जा रहा है। इसमें मौजूद काबिल गुण पीरियड के दौरान ज़्यादा खून बेहेने और अतरिक्त दर्द को कम करने में मदद करते है।
  • शतावरी: इस जड़ी-बूटी का उपयोग पीरियड की ऐंठन से राहत पाने और गर्भधारण की समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद अनगिनत गुण ही कारण है की इन्हे गर्लीवेदा क्रैम्पवेल कैप्सूल जैसे कई और आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है।
  • सफ़ेद जीरा: इसे खाने में तो आपने बहुत बार इस्तेमाल किया होगा पर क्या आपको पता है की यह पीरियड के दर्द को कम करता है साथ पीठ का दर्द, थकान, और मानसिक तनाव को भी कम करता है।

योगासन और प्राणायाम

योग चर्चा या प्राणायाम की सहायता पीरियड की ऐंठन से राहत की स्थिति बन सकती है साथ ही यह मानसिक तनाव से भी छुटकारा दिला सकता है।

निष्कर्ष

हर औरत ही अपने जीवन में पीरियड के समय दर्द का अनुभव करती है पर सभी औरतो में इसका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। किसीको बहुत ज़्यादा दर्द होता है, किसी को हल्का, और किसी को शायद हो ही न। इस दर्द के कई कारण हो सकते है पर आयुर्वेद के अनुसारण वता दोष में असंतुलन इसकी सबसे बड़ी वजह है। इसको संतुलित करने के लिए सही आहार, जड़ी-बूटियों का सेवन, और योग और प्राणायाम जैसे नियमित व्यायाम करने चाहिए।

FAQ

क्या पीरियड क्रैम्प आयुर्वेदिक उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकते हैं?

पीरियड क्रैम्प का इलाज आयुर्वेद से करना मुमकिन है।

पीरियड क्रैम्प के लिए आयुर्वेदिक औषधि कौन सी हैं?

शतावरी, सफ़ेद जीरा, और अशोक छाल से युक्त गर्लीवेदा क्रैम्पवेल कैप्सूल पीरियड क्रैम्प के लिए सही आयुर्वेदिक औषधि मानी गयी है।

कौन से आयुर्वेदिक दवा पीरियड क्रैम्प के लिए प्रभावी हैं?

अशोक छाल और शतावरी

क्या आयुर्वेदिक आहार पीरियड क्रैम्प को कम करने में सहायक है?

हाँ यह पीरियड क्रैम्प के लिए कारगर है।

क्या आयुर्वेदिक औषधियां हर किसी के लिए सुरक्षित हैं?

यूँ तो इनके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते पर फिर भी किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ले।